राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती 2021 रद्द की
जयपुर (28 अगस्त 2025): राजस्थान हाईकोर्ट ने सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। यह भर्ती 859 पदों के लिए आयोजित की गई थी। मामले में पेपर लीक और धांधली के खुलासे के बाद कई ट्रेनिंग एसआई और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) से जुड़े सदस्य गिरफ्तार हुए थे। यह फैसला अदालत ने पेपर लीक और प्रक्रिया में गड़बड़ियों के चलते सुनाया है।

क्यों रद्द हुई राजस्थान एसआई भर्ती 2021?
न्यायमूर्ति समीर जैन ने 14 अगस्त की सुनवाई के बाद यह निर्णय सुरक्षित रखा और 28 अगस्त को फैसले में कहा कि परीक्षा का पेपर पूरे प्रदेश में लीक हुआ, जिससे सही और गलत उम्मीदवारों की पहचान करना असंभव हो गया।
परीक्षा में बड़े पैमाने पर डमी उम्मीदवार, नकल, और पेपर लीक के आरोपों की पुष्टि हुई। सरकार ने एसओजी से जांच करवाई, जिसमें 50 ट्रेनी SI और RPSC के कर्मियों सहित कुल 150 लोगों की गिरफ्तारी हुई| अदालत ने यह भी कहा :-
- पेपर लीक में RPSC के 6 सदस्य शामिल पाए गए।
- पेपर ब्लूटूथ गैंग तक पहुंच चुका था।
- अगर एक भी फर्जी उम्मीदवार पुलिस सेवा में आ जाता, तो कानून-व्यवस्था प्रभावित होती।
कोर्ट ने माना कि ईमानदारी से परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के प्रति सहानुभूति है, लेकिन पूरी प्रक्रिया दूषित होने के कारण इसे जारी नहीं रखा जा सकता।

2025 में होगी नई भर्ती, जुड़ेंगे 859 पद
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि:
- रद्द किए गए 859 पदों को एसआई भर्ती 2025 में जोड़ा जाएगा।
- 2021 की परीक्षा में शामिल हुए सभी उम्मीदवारों को दोबारा आवेदन करने का अवसर मिलेगा।
नेताओं की प्रतिक्रिया
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने फैसले का स्वागत किया और इसे “सच की जीत” बताया। उन्होंने दावा किया कि 2021 में चयनित अभ्यर्थियों में से 50% से अधिक फर्जी थे।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोर्ट ने RPSC सदस्यों की भूमिका को गंभीरता से लिया है और मामला चीफ जस्टिस को भेजा है।
पेपर लीक मामले में बड़ी गिरफ्तारियां
एसओजी (SOG) की जांच में कई बड़े नाम सामने आए:
- पूर्व RPSC सदस्य रामूराम राईका और उनके बच्चे।
- निलंबित RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा, जो पहले भी पेपर लीक में पकड़ा गया था।
- पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएसओ राजकुमार यादव और उनके बेटे, जिन पर पेपर खरीदने और बेचने का आरोप है।
अभ्यर्थियों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?
भले ही भर्ती रद्द होने से कई ईमानदार अभ्यर्थियों को निराशा हुई हो, लेकिन इसे पारदर्शिता और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अब 859 पद 2025 की भर्ती में जुड़ेंगे, जिससे उम्मीदवारों को एक बार फिर समान अवसर मिलेगा।
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